3 साल के FD पर सबसे ज़्यादा ब्याज देने वाले बैंक और उनके Interest Rates जानिए
मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक कई बार रेपो रेट में बढोतरी कर चुका है। रेपो रेट बढ़ने से जहां लोन महंगे होते हैं, वहीं बैंक एफडी (Fixed Deposit) पर ब्याज बढ़ा देते हैं। ऐसा इसलिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने पैसे फिक्स्ड डिपॉजिट में रखें। यही वजह है कि कई ऐसे बैंक […]


मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक कई बार रेपो रेट में बढोतरी कर चुका है। रेपो रेट बढ़ने से जहां लोन महंगे होते हैं, वहीं बैंक एफडी (Fixed Deposit) पर ब्याज बढ़ा देते हैं। ऐसा इसलिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने पैसे फिक्स्ड डिपॉजिट में रखें। यही वजह है कि कई ऐसे बैंक भी हैं, जो एफडी पर फिलहाल 7% या उससे ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। आइए जानते हैं, ऐसे ही बैंकों के बारे में।
आप के लिए सुर्खियाँ
आप के लिए चुनी गई खबरें
- ATM का इस्तेमाल करने वालों के लिए अपडेट, इससे अधिक निका...
- कार कम्पनी ने महिला पर इंजन खराब करने का आरोप लगाया, उल...
- मात्र 1 रुपए के शेयर ने बनवाया लोगों को करोड़पति, दिवाल...
- इसे भी पढ़ें: मात्र 4 से 5 घंटे काम करके कमाएं 70 – 80 हज़ार रुपए, यह सरकारी कम्पनी दे रही है ...
- इसे भी पढ़ें: PPF की मैच्योरिटी के बाद अब क्या करना सही? निवेश या निकालना क्या है फायदेमंद, जा...
- सुझाव: केवल 30 रुपये प्रति माह के लिए सर्वश्रेष्ठ होस्टिंग खरीदें यहां क्लिक करें
कुछ बैंक हैं, जो एफडी पर 7 फीसदी से उससे ज्यादा का ब्याज दे रहे हैं। यही वजह है कि निवेशक अपना पैसा एफडी में लगा रहे हैं। एफडी में निवेश करने पर कोई जोखिम भी नहीं होता है। यही वजह है कि लोग ज्यादा से ज्यादा पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट में रखना चाहते हैं।
किस बैंक FB में मिल रहा कितना ब्याज?
बैंक | ब्याज दर |
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक | 7.5% |
DCB बैंक | 7.5% |
Bandhan बैंक | 7% |
City Union Bank | 7% |
Karur Vysya Bank | 7% |
रेपो रेट बढ़ा तो बढ़ सकती हैं FD की ब्याज दरें :
रिजर्व बैंक बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए आने वाले समय में रेपो रेट को और बढ़ा सकता है। अगर रेपो रेट बढ़ता है तो बैंक एक बार फिर एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकते हैं। अगर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें बढ़ाते हैं, तो निवेशक ज्यादा से ज्यादा अपना पैसा इसमें इन्वेस्ट करेंगे।
एफडी करें तो चुनें ये ऑप्शन :
अगर कोई इन्वेस्टर अपना पैसा एफडी में लगाना चाहता है तो उसे ऑटो-रिन्यूवल ऑप्शन से बचना चाहिए। बैंक ज्यादातर एफडी कराने वाले कस्टमर को ऑटो-रिन्यूवल ऑप्शन ही ऑफर करते हैं। अगर कस्टमर इस ऑप्शन को चुनते हैं तो बैंक मैच्योरिटी के वक्त इसे करेंट इंटरेस्ट के साथ उसी अवधि के लिए रिन्यू कर देते हैं। करेंट इंटरेस्ट रेट पिछली ब्याज दर से कम या ज्यादा हो सकता है। इससे निवेशकों को नुकसान भी हो सकता है।
मात्र 4 से 5 घंटे काम करके कमाएं 70 – 80 हज़ार रुपए, यह सरकारी कम्पनी दे रही है मौका
Disclaimer
From Syndicated Feed.
This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Vews.in.
Source: URL
Publisher: GulfHindi