RBI ने शुरू किया आज से Digital रुपया, 9 बैंक के लोगो को मिलेगा नया सुविधा.
आज से देश में डिजिटल लेन-देन के एक नए युग की शुरुआत होगी। आम बजट 2022-23 के वादे और सितंबर में की गई घोषणा को अमल में लाते हुए आरबीआइ प्रायोगिक तौर पर मंगवलार से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत करेगा। प्रायोगिक तौर पर सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों के थोक लेन-देन में ही डिजिटल […]


आज से देश में डिजिटल लेन-देन के एक नए युग की शुरुआत होगी। आम बजट 2022-23 के वादे और सितंबर में की गई घोषणा को अमल में लाते हुए आरबीआइ प्रायोगिक तौर पर मंगवलार से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत करेगा। प्रायोगिक तौर पर सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों के थोक लेन-देन में ही डिजिटल रुपये के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
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देश के 9 बैंक हो रहे हैं इसमें शामिल
आरबीआइ ने देश के नौ सरकारी और निजी बैंकों को इस प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी है। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो दूसरे कई क्षेत्रों में प्रायोगिक तौर पर सीबीडीसी के इस्तेमाल की शुरुआत की जाएगी। कुछ महीनों के भीतर खुदरा वत्तीय लेन-देन में भी डिजिटल रुपये के प्रयोग की इजाजत दिए जाने की संवाना है।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटिल रुपये के उपयोग की इजाजत दी गई है, उसमें
- यूनियन बैंक आफ इंडिया,
- स्टेट बैंक आफ इंडिया,
- बैंक आफ बड़ौदा,
- एचडीएफसी बैंक,
- आइसीआइसीआइ बैंक,
- कोटक महिंद्रा बैंक,
- यस बैंक,
- आइडीएफसी
- एचएसबीसी शामिल हैं।
कुछ जगह चलेगा डिजिटल रुपये.
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास स्थलों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे जुड़ी वस्तृित जानकारी बाद में दी जाएगी। इससे मिली सीख और अनुवभ के आधार पर वस्तिार करने की संवभाना जताई गई है.
मिलेगा ये फ़ायदा
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये के प्रयोग से प्रतिभूति बाजार में अंतर – बैंकिंग लेन-देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। सेटलमेंट की प्रक्रिया की लागत कम हो सकेगी। आरबीआइ ने यह भी बताया है कि दूसरे लेन देन में भी थोक लेन देन की तरह डिजिटल रुपये का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।
वित्तीय लेन-देन की लातग को करेगा कम :
आरबीआइ ने डिजिटल करेंसी पर वर्ष 2020 में ही एक समिति गठित की थी। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर सितंबर, 2022 में एक प्रपत्र में जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह पारदर्शिता लाने के साथ ही वत्तीय लेन-देन की लागत को भी कम करेगा। इसके फायदे को देखते हुए इसे दूसरे क्षेत्रों में भी इसके इस्तेमाल का रास्ता तलाशा जाएगा । आरबीआइ ने इसमें यह भी कहा था कि कई क्षेत्रों में इसके प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल कर इसकी क्षमता परखने की जरूरत है। वैसे दुनिया के दूसरे कई देशों में अभी डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है। हालांकि कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने इसके इस्तेमाल की इजाजत भी दी है।
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