क्या किसी लड़की या लड़के से मोहब्बत करना इस्लाम में जायज है?
इस्लाम में, किसी लड़की या लड़के से मोहब्बत करना जायज है, परंतु इसे मायने में शरीरिक संबंधों के साथ जोड़ना नहीं है। इस्लाम में, विवाह करना या उनके साथ निकाह करना सामान्य रूप से मोहब्बत का एक तरीका माना जाता है
इस्लाम में, किसी लड़की या लड़के से मोहब्बत करना जायज है, परंतु इसे मायने में शरीरिक संबंधों के साथ जोड़ना नहीं है। इस्लाम में, विवाह करना या उनके साथ निकाह करना सामान्य रूप से मोहब्बत का एक तरीका माना जाता है। कुरान और हदीस में, संयुक्त रहने और प्यार करने के मुद्दे पर महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए गए हैं जैसे कि संयुक्त अवस्था परिप्रेक्ष्य, शादी का महत्व और जीवनसंगी धर्म के मामले में। यह मान्यता रखाजा रहनी चाहिए कि इश्क़ और मोहब्बत अच्छे तरीक़े से अबब वाल़े आमल में अये और ग़ैरमुसलमानो के साथ संविवेक के साथ हों
अगर आप कुरान या हदीस से प्रश्न करते हैं की इश्क करना जायज है तो यह इक गौर करने का सवाल है क्योंकि कुरान और हदीस इश्क और मोहब्बत का ही पैगाम देता है, आप पूरी कुरान पढ़ लीजिए हर कहीं आप को प्यार मोहब्बत अमन से रहने की बात मिलेगी।
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लेकिन यहां बात हो रही है इश्क मोहब्बत किसी लड़की या लड़के से, इश्क करना कोई गुनाह नहीं है, परंतु आज कल के इश्क नहीं जिनाह की तरफ ले जा रहे हैं, जो की पूरी तरह से हराम है।
निकाह का पैगाम भेजना!
अगर आप को कोई लड़की या लड़का पसंद है तो आप उसे निकाह का पैगाम भेज सकते/सकती हैं, इस्लाम में निकाह का पैगाम भेजने के भी तरीके अलग होते हैं।
यदि आप को कोई लड़की पसंद है तो आप उसके घर निकाह का पैगाम सिर्फ 3 बार भेज सकते हैं, निकाह का पैगाम 3 ही बार भेजा जाता है, यदि 3 बार में लड़की वाले हां करते हैं तो आप शादी कर सकते हैं, वरना इस्लाम में 3 बार से ज्यादा निकाह का पैगाम नहीं भेजा जाता है, हां अगर आप ने निकाह का पैगाम भेजा है तो लड़के वाले समय ले सकते है इसमें कोई प्राब्लम नहीं जितना भी चाहे।
3 बार निकाह का पैगाम भेजने पर अगर लड़की वाले नहीं राजी हैं तो आप उसे छोड़ सकते हैं दूसरी लड़की देखें, यही इस्लामिक कवानीन है
यदि किसी लड़की को कोई लड़का पसंद है?
अगर किसी लड़की को कोई लड़का पसंद है या वे पसंद करती है तो उस लड़के के घर निकाह का पैगाम भेज सकती है, इस्लाम और कुरान में यह कहीं नहीं लिखा है की सिर्फ लड़के वाले ही निकाह का पैगाम भेजे, लड़की की तरफ से निकाह का पैगाम भेजना एक रिवायत से साबित भी है की लड़की वाले लड़के के वहां निकाह का पैगाम भेज सकते हैं, इक रिवायत है हजरत खतीजा रदी अल्लाहु अनहा को प्यारे मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मोहब्बत हो गई तो उन्होंने अपने चच्चा को भेज के मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम चाचा जान से निकाह का पैगाम दिया जो की मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उसे स्वीकृत कर लिया।
पाक इश्क किस तरह कर सकते हैं?
इस्लाम में इश्क मोहब्बत हराम नहीं है, इस्लाम में, किसी लड़की या लड़के से मोहब्बत करना जायज है, परंतु इसे मायने में शरीरिक संबंधों के साथ जोड़ना नहीं है, निकाह से पहले किसी लड़के लड़की से बात तक करना हराम है, वो बातें जो एक पति पत्नी करते हैं, किसी से इश्क है तो उसे सिर्फ निकाह का पैगाम भेजे, क्योंकि इस्लाम में विवाह करना या उनके साथ निकाह करना सामान्य रूप से मोहब्बत का एक तरीका माना जाता है।
हराम क्यों है किसी से बात करना या लड़की लड़के को मिलना?
अल कुरान की सुराह निशा में अल्लाह ने कहा है मर्द अपनी नजरें नीचे रखा करें, वहीं आगे कुरान की आयत है औरतें अपनी नजरें नीची रखा करें और अपनी शर्मगाह की हिफाजत / पर्दा / ढक कर रखा करें, यानी लड़कियां हिजाब किया करें, वहीं सुराह अंकाबूत से भी साबित है की लड़किया हिजाब किया करें, और नजरें नीची रखा करें, जिससे यह साबित है की इस्लाम में इस तरह का इश्क जायज नहीं है जो आज कल चल रहा है।
कुरान की सुराह निशा की एक आयत यह भी है जो लोग निकाह से पहले शरीरिक संबंध बनाते या जिनाह करते हैं उन्हें कयामत के दिन माफ नहीं किया जाएगा, कुरान के अनुसार शिरक के बाद सबसे बड़ा गुनाह शादी से पहले शरीरिक संबंध बनाना है।
निकाह के बाद अपनी बीबी से इश्क मोहब्बत का इजहार करना सुन्नत भी है, मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम अक्सर कहा करते थे ऐ मैं आयशा से मोहब्बत करता हूं, मोहम्मद साहब की कई सारी बीवियां थी पर वो अम्मा आयशा से बेइंतहा मोहब्बत करते थे।
मोहम्मद अक्सर कहते थे ए लोगो जब तुम सफर से आया करो तो अपनी बीबियों के लिए तोहफे लाया करो अपनी बिनियों को तोहफे दिया करो।
निष्कर्ष:
आज कल एक बहुत बड़ा ट्रेंड चल रहा है लड़की लड़के वीडियो कॉल पर बात करते हैं गंदी तस्वीरें भेजते हैं एक दूसरे को वीडियो रिकॉर्ड कर के रखते हैं फिर वायरल हो जाता है दुनिया भर की बेइज्जती होती है, यदि यही लोग कुरान को समझ के पढ़ें तो यह काम न हो, शादी से पहले यह सब करना हराम ही नहीं गुनाह-ए-अजीम है।
अल्लाह ने पति पत्नी को एक दूसरे का हमबिस्तर और खेती कहा है ये तुम्हारी खेती है, आप अपनी बीबी से जो चाहे वो करें लेकिन निकाह के बाद वो हलाल है।
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