आज नहीं तो कल हम ज़रूर कामयाब होंगे, AIMIM अब पीछे नहीं हटेगी: मुहम्मद हुसैन शैख

बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी लाखों नहीं करोड़ों लोगों के दिलों की धड़कन बन चुके हैं ।
आप के लिए सुर्खियाँ
आप के लिए चुनी गई खबरें
- 23- Nov Stocks to buy list
- 1565. ये वह साल था जब पिछले एक हज़ार साल के पांच सबसे अह...
- Honda ने 50 हज़ार का डिस्काउंट किया जारी
- इसे भी पढ़ें: Indian Railway ने शुरू किया आज से सस्ता 3RD AC टिकट. अब गर्मी वाला स्लीपर का सफ़...
- इसे भी पढ़ें: DUBAI जा रही विमान से टकराई चिड़िया, दिल्ली एयरपोर्ट पर फुल इमरजेंसी घोषित
- सुझाव: केवल 30 रुपये प्रति माह के लिए सर्वश्रेष्ठ होस्टिंग खरीदें यहां क्लिक करें
जिस तरह से कामयाबी मिलना चाहिए उस तरह से कामयाबी नहीं मिली लेकिन हम लोग उम्मीद नहीं छोड़ेंगे संघर्ष जारी रखेंगे अल्लाह ने चाहा तो एक दिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन AIMIM ज़रूर कामयाब होगी।
जो लोग AIMIM और बैरिस्टर असदउद्दीन औवेसी साहब पर इल्जाम लगा रहे हैं की बीजेपी की बी टीम, सी टीम, एजेंट हैं वह पूरी तरह से गलत हैं क्योंकि ऐसे लोग AIMIM के मैदान में आने से कई राज्यों में चुनाव लड़ने से डरे और भयभीत हैं इसलिए मजलिस पर उल्टा सीधा इल्ज़ाम लगा रहे हैं।
बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब पर इल्जाम लगा रहे हैं।
नाम निहाद फर्ज़ी सेक्युलर पार्टीयां मजलिस से कुछ ज़्यादा ही भयभीत नज़र आ रही हैं। इसलिए इनके लीडर उल्टा सीधा बयानबाज़ी कर रहे हैं, कुछ पार्टियों को लग रहा था कि उत्तर प्रदेश में AIMIM को कामयाबी नहीं मिली या फिर गुजरात में कामयाबी नहीं मिली तो AIMIM चुनावी अखाड़े से हट जायेगी लेकिन मजलिस सियासत से कभी पीछे नहीं हटेगी, हारना जीतना तो लगा रहता है।
AIMIM आने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव मजलिस लड़ेगी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मजलिस लड़ेगी। कौन हार रहा है कौन जीत रहा है, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है।
ऐसे भी नाम निहाद फर्ज़ी सेक्युलर पार्टीयों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है, इन नाम निहाद सेक्युलर पार्टियों और उनके लीडर मुसलमानों का नाम लेने से कतरा रहे हैं। लेकिन वोट मुसलमानों का चाहिए, देश का अल्पसंख्यक समाज खासकर मुस्लिम समाज भले अभी तक बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब को नहीं पहचान पाया हो लेकिन आने वाले समय में जरूर पहचानेगा।
किसी भी पार्टी, या संगठन को मज़बूत होने में वक्त लगते है, हम लोग एक दिन जरूर कामयाब होंगे।
Disclaimer: इस लेख में व्यक्त किए गए विचार मुहम्मद हुसैन शैख के निजी विचार है।
Disclaimer
This post has been self-published. Vews.in neither endorses, nor is responsible for the views expressed by the author.. Profile .