पैगंबर मुहम्मद (PBUH) द्वारा सिखाया गया भाईचारा का तरीका क्या है?
The teachings of Islam act as a mercy and a healing for the human soul, and such qualities as humility, sincerity, patience and charity are strongly encouraged. Additionally, Islam condemns pride and self-righteousness, since Almighty Allah is the only judge of human righteousness.
1. पैगंबर मुहम्मद (PBUH) द्वारा सिखाया गया भाईचारा का तरीका क्या है?
इस्लाम की शिक्षा मानव आत्मा के लिए एक दया और उपचार के रूप में कार्य करती है, और विनम्रता, ईमानदारी, धैर्य और दान जैसे गुणों को दृढ़ता से प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इस्लाम गर्व और आत्म-धार्मिकता की निंदा करता है, क्योंकि सर्वशक्तिमान अल्लाह मानव धार्मिकता का एकमात्र न्यायाधीश है।
इस्लाम यह भी सिखाता है कि आस्था और कर्म साथ-साथ चलते हैं। भगवान (अल्लाह) ने लोगों को स्वतंत्र इच्छा दी है, और किसी के विश्वास का माप उसके कर्म और कार्य हैं। इसने जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्तिगत स्वच्छता, व्यापार के नियमों से लेकर समाज की संरचना और राजनीति तक मार्गदर्शन प्रदान किया है। इस्लाम को कभी भी सामाजिक, राजनीतिक या आर्थिक जीवन से अलग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि धर्म व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक कार्य के लिए नैतिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। विश्वास का प्राथमिक कार्य निजी और सार्वजनिक जीवन दोनों में ईश्वर की इच्छा को लागू करने का प्रयास करना है।