वर्कहॉलिक और मूर्ख ऑफिस कर्मचारियों के लक्षण

फलाना आदमी आपके आगे खड़ा है , फलाना आदमी पीछे खड़ा है, फलाना आदमी आपके साथ  खड़ा है  - बोलने वाले ऑफिस का कर्मचारी सबसे मूर्ख और अवल  दर्जे का धूर्त और मतलबी व्यक्ति होता है , अगर आप यह पहचान गए तो भी अनजान बने रहे ताकि आपकी गरिमा बरकार करे। मुर्ख आदमी के साथ बहस से अच्छा है उसकी हाँ में हाँ मिला के उससे दूरी बनाये रखे ..

Parmod Kumar AhujaParmod Kumar Ahuja verified PRIME author
2 years ago - 20:31
Nov 13, 2021 - 20:33
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वर्कहॉलिक और मूर्ख ऑफिस कर्मचारियों  के लक्षण

दिन भर काम करने के बाद अगर कोई आपको कामचोर कह देता होगा तो मिर्ची जरूर लग जाती होगी और  कई बार आप खुद का असेसमेंट करने पर पाते होंगे कि आपने ऑफ‍िस में काम कम किया है, तब शायद आप खुद के बारे में निगेटिव सोचने लगते होंगे। जबकि सच तो यह है कि आप भी वर्कहॉलिक हैं, वो बात अलग है कि आपको इस बात का अहसास नहीं है।
दिन भर काम करने के बाद अगर कोई आपको कामचोर कह देता होगा तो मिर्ची जरूर लग जाती होगी। कई बार आप खुद का असेसमेंट करने पर पाते होंगे कि आपने ऑफिस में काम कम किया है, तब शायद आप खुद के बारे में निगेटिव सोचने लगते होंगे। जबकि सच तो यह है कि आप भी वर्कहॉलिक हैं, वो बात अलग है कि आपको इस बात का अहसास नहीं है।

9 से 5 की नौकरी अब इतिहास बन चुकी है। घर में भी ऑफिस के काम को लेकर सोचते रहना, दिनभर अपने ईमेल और मैसेज चेक करते रहना भी असल में आपकी नौकरी का एक हिस्सा है, जो आप ड्यूटी आवर्स के बाद भी करते रहते हैं। अगर आप वाकई में इन चीजों में दिन भर इन्वॉल्व रहते हैं तो आप भी वर्कहॉलिक हैं।

आज के समय में आप सिर्फ ऑफिस ही नहीं, बल्कि घर में भी अपने ऑफिस से जुड़े होते हैं। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा किए गए एक सर्वे में आए रिपोर्ट के मुताबिक 76 प्रतिशत लोग अपने स्मार्टफोन के जरीए हमेशा अपने काम से जुड़े होते हैं। यह सर्वेक्षण ऑस्ट्रेलिया में हुआ लेकिन भारत में भी कमोबेश ऐसा ही हाल है। आपको बता दें, वर्कहॉलिक के मामले में भारत विश्व में आठवें नंबर पर आता है। जबकि जापान में सबसे ज्यादा वर्कहॉलिक लोग रहते हैं। यहां आपको वर्कहॉलिक से जुड़ी कुछ जानकारी और कुछ रिपोर्ट बताने जा रहे हैं। तो फिर, बढ़ाइए स्लाइडर और देखिए वर्कहॉलिक से जुड़ी जानकारी।

47 % लोग स्ट्रेस के शिकार ऑस्ट्रेलियन मनोविज्ञान सोसाइटी के एक रिपोर्ट के मुताबिक ,ऑस्ट्रेलिया के ऑफिस में काम करने वाले 47 प्रतिशत लोग स्ट्रेस का शिकार हैं।

जाने का कोई समय नहीं वहीं, टेल्साइट(टेक्नोलॉजी रिसर्च फर्म) के प्रमुख का कहना है कि आज के समय में आप एक बार ऑफिस के कनेक्ट हो गए तो वापस जाने का कोई समय नहीं होता। अब हमारे जिंदगी के विभिन्न भागों के बीच की रेखाएं मिट रही हैं।

वहीं, फ्रांस में एक कानून बनाया गया है ,जिसके तहत कोई भी इंप्लॉयर अपने कर्मचारी को शाम के 6 बजे के बाद काम करने के लिए या ईमेल चेक करने के लिए नहीं दवाब नहीं डाल सकता ।

हफ्ते में 3 दिन करो काम वहीं, एक मेक्सिकन अरबपति, कारलोस स्लीम ने कहा था कि हफ्ते के पांच के बजाए, अब हफ्ते में तीन दिन ही वर्किंग डे होना चाहिए। इससे न न सिर्फ काम करने वाले को बल्कि कंपनी को भी फायदा होगा।
स्वास्थ्य समस्याएं वहीं, अमेरिका की एक डॉक्टर का कहना है कि वर्कहॉलिक लोगों को ज्यादा स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वे मनोवैज्ञीनिक, भावनात्मक, शारीरिक और व्यवहारिक तौर पर ज्यादा समस्याएं झेलते हैं।
मनोवैज्ञानिक समस्याएं वर्कहॉलिक लोगों को मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, शारीरिक और व्यवहारिक तौर पर ज्यादा समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।
400 कर्मचारियों पर किए गए इस रिसर्च के रिपोर्ट के मुताबिक 60 प्रतिशत लोग खुद को वर्कहॉलिक मानते हैं और जब उन्हें छुट्टी लेनी होती है तो ले बुरा अनुभव करते हैं। साथ ही वे अपने साथ वाले से ज्यादा काम करने में विश्वास रखते हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में सबसे ज्यादा वर्कहॉलिक लोग रहते हैं। वहां कुल 16 राष्ट्रीय छुट्टियां सभी कर्मचारियों को दी जाती हैं, लेकिन केवल 33 प्रतिशत ही अपनी सारी छुट्टियों को इस्तेमाल करते हैं। जबकि भारत इस सूची में आठवें नंबर पर हैं।
भारत में 64 प्रतिशत लोग खुद को वर्कहॉलिक मानते हैं। उनका मानना है कि टेक्नोलॉजी पर उनकी निर्भरता पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।
Parmod Ahuja

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Parmod Kumar Ahuja Parmod Kumar Ahuja is a well-known person who is openly writing on topics like It, astrology and politics .